Waqf Board: देखें क्या है वक्फ बोर्ड, इसके कार्य, सम्पत्ति, ओर विरोध top जानकारी

देश मे वर्तमान waqf board विधेयक आने के बाद चारों तरफ हाहाकार मच गया है, हर कोई जानना चाहता है, वक्फ बोर्ड क्या है, इसकी स्थापना क्यों हुई, किसने कि तथा इसके होने के क्या नुकसान हो सकते है। अतः इसे क्यों हटाया जाना चाहिए। चलिए जानते है।

दरअसल, अगर कोई संपत्ति एक बार वक्फ घोषित हो जाती है तो हमेशा ही वक्फ रहती है। अधिक जानकारी नीचे पढ़े.

वक्फ क्या है?

वक्फ बोर्ड के बारे में  जानने से पहले हम यह जानते है कि वक्फ क्या है? वक्फ अरबी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या दिया गया धन होता है। इसमें चल और अचल संपत्ति को शामिल किया जाता है। ध्यान रहे कि कोई भी मुस्लिम अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर सकता है। कोई भी संपत्ति वक्फ घोषित होने के बाद गैर-हस्तांतरणीय अर्थात वह अब किसी के नाम नहीं हो सकती है।

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वक्फ बोर्ड क्या है? (What is Waqf Board)

वक्फ संपत्ति के प्रबंधन का काम वक्फ बोर्ड करता है। यह एक कानूनी इकाई है। प्रत्येक राज्य में वक्फ बोर्ड होता है। वक्फ बोर्ड में संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य है। बोर्ड संपत्तियों का पंजीकरण, प्रबंधन और संरक्षण करता है। राज्यों में बोर्ड का नेतृत्व अध्यक्ष करता है। देश में शिया और सुन्नी दो तरह के वक्फ बोर्ड हैं।

वक्फ बोर्ड मे सदस्य कोन होते है?

वक्फ बोर्ड को मुकदमा करने की शक्ति भी है। (Waqf Board Member) अध्यक्ष के अलावा बोर्ड में राज्य सरकार के सदस्य, मुस्लिम विधायक, सांसद, राज्य बार काउंसिल के सदस्य, इस्लामी विद्वान और वक्फ के मुतवल्ली को शामिल किया जाता है।



क्या करता है वक्फ बोर्ड?

वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के अलावा बोर्ड वक्फ में मिले दान से मदरसा , मस्जिद, कब्रिस्तान और घरों का निर्माण व रखरखाव करता है।

क्या है वक्फ एक्ट 1954

देश में सबसे पहली बार 1954 में वक्फ एक्ट बना। इसी के तहत वक्फ बोर्ड का भी जन्म हुआ। इस कानून का मकसद वक्फ से जुड़े कामकाज को सरल बनाना था। एक्ट में वक्फ की संपत्ति पर दावे और रख-रखाव तक का प्रविधान हैं। 1955 में पहला संशोधन किया गया। 1995 में एक नया वक्फ बोर्ड अधिनियम बना। इसके तहत हर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की अनुमति दी गई। बाद में साल 2013 में इसमें संशोधन किया गया था।

वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में वक्फ बोर्ड के आठ लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। साल 2009 में यह जमीन चार लाख एकड़ थी। इनमें अधिकांश मस्जिद, मदरसा, और कब्रिस्तान शामिल हैं। वक्फ बोर्ड की अनुमानित संपत्ति की कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। देश में उत्तर प्रदेश और बिहार में दो शिया वक्फ बोर्ड समेत कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं।



भारत मे गैर सरकारी संघठनों मे सबसे अधिक जमीन-

रेलवे और रक्षा विभाग के बाद देश में वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक संपत्ति है। कुल 8 लाख एकड़ (लगभग 12 लाख 80 हजार बीघा)

इस पर विवाद क्यों?

वक्फ अधिनियम के सेक्शन 40 पर बहस छिड़ी है। इसके तहत बोर्ड को रिजन टू बिलीव की शक्ति मिल जाती है। अगर बोर्ड का मानना है कि कोई संपत्ति वक्फ की संपत्ति है तो वो खुद से जांच कर सकती है और वक्फ होने का दावा पेश कर सकता है। अगर उस संपत्ति में कोई रह रहा है तो वह अपनी आपत्ति को वक्फ ट्रिब्यूनल के पास दर्ज करा सकता है। मगर यह प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती है।

दरअसल, अगर कोई संपत्ति एक बार वक्फ घोषित हो जाती है तो हमेशा ही वक्फ रहती है। इस वजह से कई विवाद भी सामने आए हैं। अब सरकार ऐसे ही विवादों से बचने की खातिर संशोधन विधेयक लेकर आई है। विधेयक के मुताबिक मुस्लिम महिलाओं को भी बोर्ड में प्रतिनिधित्व मिलेगा।

 प्रमुख विवाद

  • 2022 में तमिलनाडु के वक्फ बोर्ड ने हिंदुओं के बसाए पूरे थिरुचेंदुरई गांव पर वक्फ होने का दावा ठोंक दिया।
  • बेंगलुरू का ईदगाह मैदान विवाद। इस पर 1950 से वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा है।
  • सूरत नगर निगम भवन को वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा। तर्क यह है कि इसे मुगलकाल में सराय के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
  • कोलकाता के टॉलीगंज क्लब, रॉयल कलकत्ता गोल्फ क्लब और बेंगलुरु में आईटीसी विंडसर होटल के भी वक्फ भूमि पर होने का दावा है।

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